Share Market in Hindi
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स्टॉक मार्केट क्या है | What is Stock Market in Hindi
हर व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए मेहनत करता हैं और पैसे कमाता हैं| वह अपनी कमाई का कुछ हिस्सा saving (बचत) के रूप में रखता हैं, ताकि भविष्य की जरूरतों को पूरा किया जा सके| लेकिन Money Saving का कार्य तब तक अधूरा होता हैं जब तक की बचत किये हुए पैसे को सही तरीके से Invest न किया जाए| वैसे तो Investment के कई सारे विकल्प होते हैं, लेकिन Share Market या Stock Market भी Investment का एक मुख्य विकल्प हैं|
कई लोग Share Market में Invest करना चाहते हैं लेकिन Stock Market के बारे में सही ज्ञान न होने के कारण या तो वे Share Market में Invest नहीं करते या फिर वे अपने पैसे खो देते हैं|इसी बात को ध्यान में रखकर आज हम Stock Market Investment से सम्बंधित Basic जानकारी यहाँ पर शेयर कर रहे हैं:
2.) Bonus Shares – जब कोई कंपनी अच्छा मुनाफा करती है और वह कंपनी अपने शेयर धारकों को उसका कुछ हिस्सा देना चाहती है. इसके बदले वो पैसा नहीं देना चाहती और अगर शेयर देती है इसे बोनस शेयर कहते है.
3.) Preferred Shares – यह शेयर कंपनी द्वारा कुछ ख़ास लोगों के लिए ही लाया जाता है. जब कोई कंपनी को पैसे की जरुरत होती है और वह मार्किट से कुछ पैसा जुटाना चाहती है तो वह जो शेयर जारी करेगी वह उन्हें खरीदने का पहला अधिकार कुछ खास लोगो को ही देगी. जैसे की किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी. इस तरह के शेयर बहुत सुरक्षित माने जाते है.
कई लोग Share Market में Invest करना चाहते हैं लेकिन Stock Market के बारे में सही ज्ञान न होने के कारण या तो वे Share Market में Invest नहीं करते या फिर वे अपने पैसे खो देते हैं|इसी बात को ध्यान में रखकर आज हम Stock Market Investment से सम्बंधित Basic जानकारी यहाँ पर शेयर कर रहे हैं:
BSE (Bombay Stock Exchange) भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज माना जाता है. इसकी स्थापना 1875 में भारत के पहले स्टॉक एक्सचेंज के रूप में की गयी थी. भारत का दूसरा स्टॉक एक्सचेंज NSE (National stock exchange of India) है. इसकी स्थापना 1992 में भारत के पहले demutualized इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक एक्सचेंज के रूप में की गयी थी.
स्टॉक मार्केट क्या है – What is Stock Market in Hindi
जैसा की हम जानते है की लोग शेयर मार्केट या Stock Market को अलग अलग नाम से जानते है और ये मैंने पहले ही बताया की शेयर का सीधा अर्थ होता होता है “हिस्सा” शेयर बाजार में किसी कंपनी में हिस्से को शेयर कह सकते है.
उदहारण के तौर पर मान लीजिये की एक कंपनी ने एक लाख शेयर जारी किया है। अब अगर कोई व्यक्ति उस कंपनी में जितने शेयर खरीदता है तो वह उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिक हो जाता है। जैसे किसी व्यक्ति ने कंपनी में 1 लाख में से 40,000 शेयर खरीद के लिए तो उसका हिस्सा उस कंपनी में 40% हो जाएगा। और वो 40% हिस्से का मालिक हो जाएगा।
Stock Market वह जगह होती हैं जहाँ पर Shares, Debentures, Mutual Funds, Derivatives और अन्य Securities (प्रतिभूतियों) को ख़रीदा और बेचा जाता हैं| Shares को मुख्य रूप से Stock Exchange के माध्यम से ख़रीदा और बेचा जाता हैं और भारत में BSE (Bombay Stock Exchange) और NSE (National Stock Exchange) दो मुख्य Stock Exchange हैं|
कंपनियों के शेयरों या Stocks का मूल्य BSE में दर्ज होता है. सभी कंपनियों के stocks का मूल्य कंपनी की लाभदायक क्षमता के अनुसार कम या फिर ज्यादा होता रहता है. पूरे बाजार में नियंत्रण बनाये रखने का काम भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के द्वारा किया जाता है. जब SEBI किसी कंपनी को अनुमति देती है तब ही कोई कंपनी अपना Initial public offering जारी कर सकती है बिना SEBI की अनुमति के कोई भी कंपनी IPO जारी नहीं कर सकती.
उदहारण के तौर पर मान लीजिये की एक कंपनी ने एक लाख शेयर जारी किया है। अब अगर कोई व्यक्ति उस कंपनी में जितने शेयर खरीदता है तो वह उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिक हो जाता है। जैसे किसी व्यक्ति ने कंपनी में 1 लाख में से 40,000 शेयर खरीद के लिए तो उसका हिस्सा उस कंपनी में 40% हो जाएगा। और वो 40% हिस्से का मालिक हो जाएगा।
Stock Market वह जगह होती हैं जहाँ पर Shares, Debentures, Mutual Funds, Derivatives और अन्य Securities (प्रतिभूतियों) को ख़रीदा और बेचा जाता हैं| Shares को मुख्य रूप से Stock Exchange के माध्यम से ख़रीदा और बेचा जाता हैं और भारत में BSE (Bombay Stock Exchange) और NSE (National Stock Exchange) दो मुख्य Stock Exchange हैं|
कंपनियों के शेयरों या Stocks का मूल्य BSE में दर्ज होता है. सभी कंपनियों के stocks का मूल्य कंपनी की लाभदायक क्षमता के अनुसार कम या फिर ज्यादा होता रहता है. पूरे बाजार में नियंत्रण बनाये रखने का काम भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के द्वारा किया जाता है. जब SEBI किसी कंपनी को अनुमति देती है तब ही कोई कंपनी अपना Initial public offering जारी कर सकती है बिना SEBI की अनुमति के कोई भी कंपनी IPO जारी नहीं कर सकती.
शेयर मार्केट कैसे काम करता हैं? How Share Market Works
कंपनियां शेयर्स कैसे जारी (Issue) करती हैं?
कंपनियां अपने शेयर्स की स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग करवाकर IPO (Initial Public Offering) लाती है और अपने शेयर्स स्वंय द्वारा निर्धारित किये हुए मूल्य पर Public को Issue करती हैं| एक बार IPO पूरा हो जाने के बाद Shares, Market में आ जाते हैं और स्टॉक एक्सचेंज और ब्रोकर्स के माध्यम से निवेशकों द्वारा आपस में ख़रीदे और बेचे जाते हैं|
शेयर/स्टॉक कितने प्रकार के होते है?
शेयर कई प्रकार के हो सकते है और अलग अलग लोग इन्हें अलग अलग रूप से परिभाषित करते है. पर शेयर को हम मुख्यत 3 रूप में बाँट सकते है. आइये जानते है share के प्रकार :-
1.) Common Shares – इन्हें कोई भी व्यक्ति खरीद सकता है. तथा जरुरत पढ़ने पर बेच सकता है. यह सबसे आम तरीके के शेयर होते है.
2.) Bonus Shares – जब कोई कंपनी अच्छा मुनाफा करती है और वह कंपनी अपने शेयर धारकों को उसका कुछ हिस्सा देना चाहती है. इसके बदले वो पैसा नहीं देना चाहती और अगर शेयर देती है इसे बोनस शेयर कहते है.
3.) Preferred Shares – यह शेयर कंपनी द्वारा कुछ ख़ास लोगों के लिए ही लाया जाता है. जब कोई कंपनी को पैसे की जरुरत होती है और वह मार्किट से कुछ पैसा जुटाना चाहती है तो वह जो शेयर जारी करेगी वह उन्हें खरीदने का पहला अधिकार कुछ खास लोगो को ही देगी. जैसे की किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी. इस तरह के शेयर बहुत सुरक्षित माने जाते है.
Shares के Prices कैसे बदलते हैं? How Stock Prices are Set?
सर्वप्रथम आईपीओ लाते वक्त शेयर्स के Price कंपनी निर्धारित करती हैं लेकिन एक बार आईपीओ पूरा हो जाने के बाद Shares का मूल्य निर्धारित करने में कंपनी का कोई Role नहीं होता और Shares के मूल्य स्वतन्त्र रूप से shares की Deemand और Supply के आधार पर Stock एक्सचेंज द्वारा निर्धारित किये जाते हैं|
अगर ख़रीदे जाने वाले Shares की तुलना में बेचे जाने वाले shares की संख्या कम होगी तो Shares के Price बढ़ेंगे और अगर बेचे जाने वाले Shares की तुलना में ख़रीदे जाने वाले Shares की संख्या कम होगी तो Share Price कम होगी|
शेयर मार्केट में रजिस्टर्ड होने के बाद कंपनियों को समय-समय पर सभी महत्वपूर्ण जानकारियां निवेशकों के साथ साझा करनी होती हैं और इसी जानकारियों के आधार पर निवेशक कंपनियों का मूल्यंकन करते हैं| इस मूल्यांकन के आधार पर शेयर्स की Deemand और Supply घटने-बढ़ने से Shares के Price Change होते हैं|
Sensex और Nifty क्या हैं?
Sensex बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और Sensex का निर्धारण BSE में लिस्टेड टॉप 30 कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) के आधार पर किया जाता हैं|Sensex BSE की टॉप 30 कंपनियों के प्रदर्शन को प्रदर्शित करता हैं|अगर सेंसेक्स बढ़ता हैं तो इसका मतलब हैं कि BSE में रजिस्टर्ड अधिकांश कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और इसी तरह अगर सेंसेक्स गिरता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि अधिकांश कंपनियों का प्रदर्शन ख़राब रहा हैं|
Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और इसका निर्धारण NSE में लिस्टेड टॉप 50 कंपनियों के के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) आधार पर किया जाता हैं| अगर Nifty बढ़ता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि NSE में रजिस्टर्ड कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और अगर Nifty घटता हैं तो इसका अर्थ यह हैं कि NSE की कंपनियों ने बुरा प्रदर्शन किया हैं|
ठीक इसी प्रकार से जब कोई व्यक्ति stock market में कोई स्टॉक खरीदता है तो उस व्यक्ति का मुख्य उद्देश्य होता है की उस stock के भाव ऊपर जाने के बाद वो उस stock को बेच कर लाभ कमा सके. इस लाभ कमाने के लिए खरीदे और बेचे जाने वाले स्टॉक की पूरी प्रक्रिया को “Trading” कहते है.
2) Scalper Trading : ऐसे trade जो की खरीदने के कुछ मिनटों के अंदर ही बेच दिए जाएँ उन्हें scalper trading कहा जाता है. इसमें अक्सर 5 से 10 मिनट के अंदर शेयर खरीद कर बेच दिए जाते है. इस तरह के शेयर में मुनाफा अधिक होता है. पर इसमें मुनाफा तभी ज्यादा हो सकता है जब इसमें निवेश की गयी रकम ज्यादा हो. इसमें नुकसान होने के भी ज्यादा मौके होते है क्योंकि लगायी गयी रकम भी ज्यादा होती है.
3) Swing Trading : इसमें trading की प्रक्रिया कुछ दिन , हफ़्तों या महीनों में पूरे कर ली जाते है. स्टॉक खरीदने के बाद निवेशक कुछ् समय जैसे हफ्ते या महीने तक अपने पास रखते है. उसके बाद stocks का भाव बढ़ने के बाद इंतज़ार करते है और जब सही भाव मिल जाता है. तो उसे बेच देते है.
मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी स्टॉक मार्केट क्या है (Stock Market in Hindi) को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा. मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ.
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Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और इसका निर्धारण NSE में लिस्टेड टॉप 50 कंपनियों के के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) आधार पर किया जाता हैं| अगर Nifty बढ़ता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि NSE में रजिस्टर्ड कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और अगर Nifty घटता हैं तो इसका अर्थ यह हैं कि NSE की कंपनियों ने बुरा प्रदर्शन किया हैं|
स्टॉक मार्केट में Trading क्या है hindi में?
"Trading" यह शब्द stock market में काफी लोकप्रिय और बहुत ज्यादा उपयोग में लाया जाता है. इस शब्द का हिंदी में अर्थ “व्यापर” होता है जब भी हम किसी वस्तु या फिर किसी सेवा को इस उद्देश्य के साथ खरीदते है कि उस वस्तु और सेवा को कुछ समय तक रखने के बाद उसे बेच कर हम उस से लाभ कमाएंगे तो इस कार्य को "Trading" कहा जा सकता है.ठीक इसी प्रकार से जब कोई व्यक्ति stock market में कोई स्टॉक खरीदता है तो उस व्यक्ति का मुख्य उद्देश्य होता है की उस stock के भाव ऊपर जाने के बाद वो उस stock को बेच कर लाभ कमा सके. इस लाभ कमाने के लिए खरीदे और बेचे जाने वाले स्टॉक की पूरी प्रक्रिया को “Trading” कहते है.
Trading कितने प्रकार की होती है?
वेसे तो Trading के कई प्रकार हो सकते है. पर मुख्य रूप से 3 तरह के trading ही लोगों द्वारा काफी पसंद किये जाते है और उपयोग किये जाते है.
1) Intra-day Trading : ऐसे trades जो की एक दिन के अन्दर ही पूरे कर लिए जाये वो intra day trading कहलाती है. Intra-day trading में stocks को उसी दिन खरीद कर उसी दिन बेचने का कार्य किया जाता है.
2) Scalper Trading : ऐसे trade जो की खरीदने के कुछ मिनटों के अंदर ही बेच दिए जाएँ उन्हें scalper trading कहा जाता है. इसमें अक्सर 5 से 10 मिनट के अंदर शेयर खरीद कर बेच दिए जाते है. इस तरह के शेयर में मुनाफा अधिक होता है. पर इसमें मुनाफा तभी ज्यादा हो सकता है जब इसमें निवेश की गयी रकम ज्यादा हो. इसमें नुकसान होने के भी ज्यादा मौके होते है क्योंकि लगायी गयी रकम भी ज्यादा होती है.
3) Swing Trading : इसमें trading की प्रक्रिया कुछ दिन , हफ़्तों या महीनों में पूरे कर ली जाते है. स्टॉक खरीदने के बाद निवेशक कुछ् समय जैसे हफ्ते या महीने तक अपने पास रखते है. उसके बाद stocks का भाव बढ़ने के बाद इंतज़ार करते है और जब सही भाव मिल जाता है. तो उसे बेच देते है.
Shares कैसे खरीदें – Trading Account और Demat Account
इन सभी नियमों को ध्यान में रखकर जब आप Stock Market में Invest करने का निर्णय ले लेते हैं तो आपका अगला कदम शेयर बाज़ार में निवेश प्रक्रिया को शुरू करना हो सकता है। इसके लिए सबसे पहले आपको किसी Stock Broker के साथ Trading और Demat Account खोलना होता है।Demat Account क्या हैं
जिस तरह बैंक अकाउंट में रूपये जमा कर सकते हैं उसी तरह Demat Account में आपके निवेश से संबंधी सभी Securities जैसे Share, Bonds, Government Securities, Mutual Funds आदि को Electronic Form में Store किया जाता हैं।Trading Account क्या हैं
Trading Account का उपयोग आपके शेयर व्यवसाय में Share Sell and Purchase करने के काम आता है। यह Account आप किसी अच्छे Broker के पास खोल सकते हैं और ऑनलाइन सुविधा होने के कारण आप इस अकाउंट की सहायता से कभी भी शेयर्स खरीद और बेच सकते हैं।मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी स्टॉक मार्केट क्या है (Stock Market in Hindi) को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा. मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ.
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